मछरी पानी में -
चिल्होर असमान में -
झपट्टा मार के
चोंच में दबा के
उड़त पहाड़ी पर बईठल
चुपचाप स्वाद लेत
प्रकृति के चक्र
चल रहल बा, एहिमे
नैतिकता के सवाल
से उपर भी कुछ बा का ?
चिल्होर असमान में -
झपट्टा मार के
चोंच में दबा के
उड़त पहाड़ी पर बईठल
चुपचाप स्वाद लेत
प्रकृति के चक्र
चल रहल बा, एहिमे
नैतिकता के सवाल
से उपर भी कुछ बा का ?
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