आँख खुल गईल
चारो ओर खाली
सन्नाटा के आवाज
सुनाई देता
चारो ओर
घना अँधेरा बा
अब कही दूर से
पत्थर पर पत्थर
रगड़े के आवाज
सुनाई देता
चिंगारी उड़ता
अब घीरे-धीरे
अंजोर होखे लागल !
चारो ओर खाली
सन्नाटा के आवाज
सुनाई देता
चारो ओर
घना अँधेरा बा
अब कही दूर से
पत्थर पर पत्थर
रगड़े के आवाज
सुनाई देता
चिंगारी उड़ता
अब घीरे-धीरे
अंजोर होखे लागल !
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