मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

बेमतलब के बात  

लोहा गरम होता 
त हथौड़ा के चोट परता -
खुरपी बन गईल 
पानी में डला गईल 
धार बन गईल 
घास काटे खातिर 
इन्द्रधनुष आकाश में बा 
घास जमीन पर 
घास काटत काटत 
ऊपर देखेब  तs
हाथ काट लेब 
तब फेर काल्ह से 
घास के घरी हमरा खातिर !
जिनगी में बात त बहुते बा
इन्द्रधनुष बा, तरेगन बाड़े 
पाप बा पुण्य बा 
स्वर्ग बा नरक बा 
अमीरी बा गरीबी बा 
लेकिन बात घरबs तs रूखर होई 
घास घरबs तs चिकन होई !

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